وَرَاوَدَتْهُ الَّتِيْ هُوَ فِيْ بَيْتِهَا عَنْ نَّفْسِهٖ وَغَلَّقَتِ الْاَبْوَابَ وَقَالَتْ هَيْتَ لَكَ ۗقَالَ مَعَاذَ اللّٰهِ اِنَّهٗ رَبِّيْٓ اَحْسَنَ مَثْوَايَۗ اِنَّهٗ لَا يُفْلِحُ الظّٰلِمُوْنَ ( يوسف: ٢٣ )
Warawadathu allatee huwa fee baytiha 'an nafsihi waghallaqati alabwaba waqalat hayta laka qala ma'atha Allahi innahu rabbee ahsana mathwaya innahu la yuflihu alththalimoona (Yūsuf 12:23)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जिस स्त्री के घर में वह रहता था, वह उस पर डोरे डालने लगी। उसने दरवाज़े बन्द कर दिए और कहने लगी, 'लो, आ जाओ!' उसने कहा, 'अल्लाह की पनाह! मेरे रब ने मुझे अच्छा स्थान दिया है। अत्याचारी कभी सफल नहीं होते।'
English Sahih:
And she, in whose house he was, sought to seduce him. She closed the doors and said, "Come, you." He said, "[I seek] the refuge of Allah. Indeed, he is my master, who has made good my residence. Indeed, wrongdoers will not succeed." ([12] Yusuf : 23)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिस औरत ज़ुलेखा के घर में यूसुफ रहते थे उसने अपने (नाजायज़) मतलब हासिल करने के लिए ख़ुद उनसे आरज़ू की और सब दरवाज़े बन्द कर दिए और (बे ताना) कहने लगी लो आओ यूसुफ ने कहा माज़अल्लाह वह (तुम्हारे मियाँ) मेरा मालिक हैं उन्होंने मुझे अच्छी तरह रखा है मै ऐसा ज़ुल्म क्यों कर सकता हूँ बेशक ऐसा ज़ुल्म करने वाले फलाह नहीं पाते