وَجَاۤءُوْ عَلٰى قَمِيْصِهٖ بِدَمٍ كَذِبٍۗ قَالَ بَلْ سَوَّلَتْ لَكُمْ اَنْفُسُكُمْ اَمْرًاۗ فَصَبْرٌ جَمِيْلٌ ۗوَاللّٰهُ الْمُسْتَعَانُ عَلٰى مَا تَصِفُوْنَ ( يوسف: ١٨ )
Wajaoo 'ala qameesihi bidamin kathibin qala bal sawwalat lakum anfusukum amran fasabrun jameelun waAllahu almusta'anu 'ala ma tasifoona (Yūsuf 12:18)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे उसके कुर्ते पर झूठमूठ का ख़ून लगा लाए थे। उसने कहा, 'नहीं, बल्कि तुम्हारे जी ने बहकाकर तुम्हारे लिए एक बात बना दी है। अब धैर्य से काम लेना ही उत्तम है! जो बात तुम बता रहे हो उसमें अल्लाह ही सहायक हो सकता है।'
English Sahih:
And they brought upon his shirt false blood. [Jacob] said, "Rather, your souls have enticed you to something, so patience is most fitting. And Allah is the one sought for help against that which you describe." ([12] Yusuf : 18)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और ये लोग यूसुफ के कुरते पर झूठ मूठ (भेड़) का खून भी (लगा के) लाए थे, याक़ूब ने कहा (भेड़िया ने ही खाया (बल्कि) तुम्हारे दिल ने तुम्हारे बचाओ के लिए एक बात गढ़ी वरना कुर्ता फटा हुआ ज़रुर होता फिर सब्र व शुक्र है और जो कुछ तुम बयान करते हो उस पर ख़ुदा ही से मदद माँगी जाती है