وَمَآ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ اِلَّا رِجَالًا نُّوْحِيْٓ اِلَيْهِمْ مِّنْ اَهْلِ الْقُرٰىۗ اَفَلَمْ يَسِيْرُوْا فِى الْاَرْضِ فَيَنْظُرُوْا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْۗ وَلَدَارُ الْاٰخِرَةِ خَيْرٌ لِّلَّذِيْنَ اتَّقَوْاۗ اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ( يوسف: ١٠٩ )
Wama arsalna min qablika illa rijalan noohee ilayhim min ahli alqura afalam yaseeroo fee alardi fayanthuroo kayfa kana 'aqibatu allatheena min qablihim waladaru alakhirati khayrun lillatheena ittaqaw afala ta'qiloona (Yūsuf 12:109)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुमसे पहले भी हमने जिनको रसूल बनाकर भेजा, वे सब बस्तियों के रहनेवाले पुरुष ही थे। हम उनकी ओर प्रकाशना करते रहे - फिर क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि देखते कि उनका कैसा परिणाम हुआ, जो उनसे पहले गुज़रे है? निश्चय ही आख़िरत का घर ही डर रखनेवालों के लिए सर्वोत्तम है। तो क्या तुम समझते नहीं? -
English Sahih:
And We sent not before you [as messengers] except men to whom We revealed from among the people of cities. So have they not traveled through the earth and observed how was the end of those before them? And the home of the Hereafter is best for those who fear Allah; then will you not reason? ([12] Yusuf : 109)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (ऐ रसूल) तुमसे पहले भी हम गाँव ही के रहने वाले कुछ मर्दों को (पैग़म्बर बनाकर) भेजा किए है कि हम उन पर वही नाज़िल करते थे तो क्या ये लोग रुए ज़मीन पर चले फिरे नहीं कि ग़ौर करते कि जो लोग उनसे पहले हो गुज़रे हैं उनका अन्जाम क्या हुआ और जिन लोगों ने परहेज़गारी एख्तेयार की उनके लिए आख़िरत का घर (दुनिया से) यक़ीनन कहीं ज्यादा बेहतर है क्या ये लोग नहीं समझते