۞ رَبِّ قَدْ اٰتَيْتَنِيْ مِنَ الْمُلْكِ وَعَلَّمْتَنِيْ مِنْ تَأْوِيْلِ الْاَحَادِيْثِۚ فَاطِرَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ اَنْتَ وَلِيّٖ فِى الدُّنْيَا وَالْاٰخِرَةِۚ تَوَفَّنِيْ مُسْلِمًا وَّاَلْحِقْنِيْ بِالصّٰلِحِيْنَ ( يوسف: ١٠١ )
Rabbi qad ataytanee mina almulki wa'allamtanee min taweeli alahadeethi fatira alssamawati waalardi anta waliyyee fee alddunya waalakhirati tawaffanee musliman waalhiqnee bialssaliheena (Yūsuf 12:101)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मेरे रब! तुने मुझे राज्य प्रदान किया और मुझे घटनाओं और बातों के निष्कर्ष तक पहुँचना सिखाया। आकाश और धरती के पैदा करनेवाले! दुनिया और आख़िरत में तू ही मेरा संरक्षक मित्र है। तू मुझे इस दशा से उठा कि मैं मुस्लिम (आज्ञाकारी) हूँ और मुझे अच्छे लोगों के साथ मिला।'
English Sahih:
My Lord, You have given me [something] of sovereignty and taught me of the interpretation of dreams. Creator of the heavens and earth, You are my protector in this world and the Hereafter. Cause me to die a Muslim and join me with the righteous." ([12] Yusuf : 101)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(उसके बाद यूसुफ ने दुआ की ऐ परवरदिगार तूने मुझे मुल्क भी अता फरमाया और मुझे ख्वाब की बातों की ताबीर भी सिखाई ऐ आसमान और ज़मीन के पैदा करने वाले तू ही मेरा मालिक सरपरस्त है दुनिया में भी और आख़िरत में भी तू मुझे (दुनिया से) मुसलमान उठाये और मुझे नेको कारों में शामिल फरमा