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وَرَفَعَ اَبَوَيْهِ عَلَى الْعَرْشِ وَخَرُّوْا لَهٗ سُجَّدًاۚ وَقَالَ يٰٓاَبَتِ هٰذَا تَأْوِيْلُ رُءْيَايَ مِنْ قَبْلُ ۖقَدْ جَعَلَهَا رَبِّيْ حَقًّاۗ وَقَدْ اَحْسَنَ بِيْٓ اِذْ اَخْرَجَنِيْ مِنَ السِّجْنِ وَجَاۤءَ بِكُمْ مِّنَ الْبَدْوِ مِنْۢ بَعْدِ اَنْ نَّزَغَ الشَّيْطٰنُ بَيْنِيْ وَبَيْنَ اِخْوَتِيْۗ اِنَّ رَبِّيْ لَطِيْفٌ لِّمَا يَشَاۤءُ ۗاِنَّهٗ هُوَ الْعَلِيْمُ الْحَكِيْمُ  ( يوسف: ١٠٠ )

And he raised
وَرَفَعَ
और ऊपर बिठाया
his parents
أَبَوَيْهِ
अपने वालिदैन को
upon
عَلَى
तख़्त पर
the throne
ٱلْعَرْشِ
तख़्त पर
and they fell down
وَخَرُّوا۟
और वो सब गिर पड़े
to him
لَهُۥ
उसके लिए
prostrate
سُجَّدًاۖ
सजदा करते हुए
And he said
وَقَالَ
और कहा
"O my father!
يَٰٓأَبَتِ
ऐ मेरे अब्बा जान
This
هَٰذَا
ये है
(is the) interpretation
تَأْوِيلُ
ताबीर
(of) my dream
رُءْيَٰىَ
मेरे ख़्वाब की
(of) before
مِن
पहले के
(of) before
قَبْلُ
पहले के
Verily
قَدْ
तहक़ीक़
has made it
جَعَلَهَا
कर दिया उसे
my Lord
رَبِّى
मेरे रब ने
true
حَقًّاۖ
सच्चा
And indeed
وَقَدْ
और तहक़ीक़
He was good
أَحْسَنَ
उसने एहसान किया
to me
بِىٓ
साथ मेरे
when
إِذْ
जब
He took me out
أَخْرَجَنِى
उसने निकाला मुझे
of
مِنَ
क़ैद ख़ाने से
the prison
ٱلسِّجْنِ
क़ैद ख़ाने से
and brought
وَجَآءَ
और वो ले आया
you
بِكُم
तुम्हें
from
مِّنَ
सेहरा से
the bedouin life
ٱلْبَدْوِ
सेहरा से
after
مِنۢ
बाद इसके
after
بَعْدِ
बाद इसके
[that]
أَن
कि
had caused discord
نَّزَغَ
फ़साद डाला
the Shaitaan
ٱلشَّيْطَٰنُ
शैतान ने
between me
بَيْنِى
दर्मियान मेरे
and between
وَبَيْنَ
और दर्मियान
my brothers
إِخْوَتِىٓۚ
मेरे भाईयों के
Indeed
إِنَّ
बेशक
my Lord
رَبِّى
रब मेरा
(is) Most Subtle
لَطِيفٌ
बेहतरीन तदबीर करने वाला है
to what
لِّمَا
उसकी जो
He wills
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
Indeed, He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
He
هُوَ
वो ही है
(is) the All-Knower
ٱلْعَلِيمُ
बहुत इल्म वाला
the All-Wise
ٱلْحَكِيمُ
ख़ूब हिकमत वाला

Warafa'a abawayhi 'ala al'arshi wakharroo lahu sujjadan waqala ya abati hatha taweelu ruyaya min qablu qad ja'alaha rabbee haqqan waqad ahsana bee ith akhrajanee mina alssijni wajaa bikum mina albadwi min ba'di an nazagha alshshaytanu baynee wabayna ikhwatee inna rabbee lateefun lima yashao innahu huwa al'aleemu alhakeemu (Yūsuf 12:100)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने अपने माँ-बाप को ऊँची जगह सिंहासन पर बिठाया और सब उसके आगे सजदे मे गिर पड़े। इस अवसर पर उसने कहा, 'ऐ मेरे बाप! यह मेरे विगत स्वप्न का साकार रूप है। इसे मेरे रब ने सच बना दिया। और उसने मुझपर उपकार किया जब मुझे क़ैदख़ाने से निकाला और आप भाइयों के बीच फ़साद डलवा दिया था। निस्संदेह मेरा रब जो चाहता है उसके लिए सूक्ष्म उपाय करता है। वास्तव में वही सर्वज्ञ, अत्यन्त तत्वदर्शी है

English Sahih:

And he raised his parents upon the throne, and they bowed to him in prostration. And he said, "O my father, this is the explanation of my vision of before. My Lord has made it reality. And He was certainly good to me when He took me out of prison and brought you [here] from bedouin life after Satan had induced [estrangement] between me and my brothers. Indeed, my Lord is Subtle in what He wills. Indeed, it is He who is the Knowing, the Wise. ([12] Yusuf : 100)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ग़रज़) पहुँचकर यूसुफ ने अपने माँ बाप को तख्त पर बिठाया और सब के सब यूसुफ की ताज़ीम के वास्ते उनके सामने सजदे में गिर पड़े (उस वक्त) यूसुफ ने कहा ऐ अब्बा ये ताबीर है मेरे उस पहले ख्वाब की कि मेरे परवरदिगार ने उसे सच कर दिखाया बेशक उसने मेरे साथ एहसान किया जब उसने मुझे क़ैद ख़ाने से निकाला और बावजूद कि मुझ में और मेरे भाईयों में शैतान ने फसाद डाल दिया था उसके बाद भी आप लोगों को गाँव से (शहर में) ले आया (और मुझसे मिला दिया) बेशक मेरा परवरदिगार जो कुछ करता है उसकी तद्बीर खूब जानता है बेशक वह बड़ा वाकिफकार हकीम है