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مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَۙ  ( الفلق: ٢ )

From
مِن
हर उस चीज़ के शर से
(the) evil
شَرِّ
हर उस चीज़ के शर से
(of) what
مَا
जो
He created
خَلَقَ
उसने पैदा की

Min sharri ma khalaqa (al-Falaq̈ 113:2)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो कुछ भी उसने पैदा किया उसकी बुराई से,

English Sahih:

From the evil of that which He created ([113] Al-Falaq : 2)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

हर चीज़ की बुराई से जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ