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قَالُوْا لَقَدْ عَلِمْتَ مَا لَنَا فِيْ بَنٰتِكَ مِنْ حَقٍّۚ وَاِنَّكَ لَتَعْلَمُ مَا نُرِيْدُ  ( هود: ٧٩ )

They said
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
"Verily
لَقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
you know
عَلِمْتَ
जानता है तू
(that) not
مَا
नहीं
we have
لَنَا
हमारे लिए
concerning
فِى
तेरी बेटियों में
your daughters
بَنَاتِكَ
तेरी बेटियों में
any
مِنْ
कोई हक़ (दिलचस्पी)
right
حَقٍّ
कोई हक़ (दिलचस्पी)
And indeed you
وَإِنَّكَ
और बेशक तू
surely know
لَتَعْلَمُ
अलबत्ता तू जानता है
what
مَا
जो
we want"
نُرِيدُ
हम चाहते हैं

Qaloo laqad 'alimta ma lana fee banatika min haqqin wainnaka lata'lamu ma nureedu (Hūd 11:79)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन्होंने कहा, 'तुझे तो मालूम है कि तेरी बेटियों से हमें कोई मतलब नहीं। और हम जो चाहते है, उसे तू भली-भाँति जानता है।'

English Sahih:

They said, "You have already known that we have not concerning your daughters [i.e., women] any claim [i.e., desire], and indeed, you know what we want." ([11] Hud : 79)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उन (कम्बख्तो) न जवाब दिया तुम को खूब मालूम है कि तुम्हारी क़ौम की लड़कियों की हमें कुछ हाजत (जरूरत) नही है और जो बात हम चाहते है वह तो तुम ख़ूब जानते हो