وَلَمَّا جَاۤءَتْ رُسُلُنَا لُوْطًا سِيْۤءَ بِهِمْ وَضَاقَ بِهِمْ ذَرْعًا وَّقَالَ هٰذَا يَوْمٌ عَصِيْبٌ ( هود: ٧٧ )
And when
وَلَمَّا
और जब
came
جَآءَتْ
आए
Our messengers
رُسُلُنَا
हमारे भेजे हुए (फ़रिश्ते)
(to) Lut
لُوطًا
लूत के पास
he was distressed
سِىٓءَ
वो ग़मगीन हुआ
for them
بِهِمْ
उनके बारे में
and felt straitened
وَضَاقَ
और वो तंग हुआ
for them
بِهِمْ
उनके बारे में
(and) uneasy
ذَرْعًا
दिल में
and said
وَقَالَ
और कहा
"This
هَٰذَا
ये
(is) a day
يَوْمٌ
दिन है
distressful"
عَصِيبٌ
बड़ा सख़्त
Walamma jaat rusuluna lootan seea bihim wadaqa bihim thar'an waqala hatha yawmun 'aseebun (Hūd 11:77)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जब हमारे दूत लूत के पास पहुँचे तो वह उनके कारण अप्रसन्न हुआ और उनके मामले में दिल तंग पाया। कहने लगा, 'यह तो बड़ा ही कठिन दिन है।'
English Sahih:
And when Our messengers, [the angels], came to Lot, he was anguished for them and felt for them great discomfort and said, "This is a trying day." ([11] Hud : 77)