وَلَمَّا جَاۤءَ اَمْرُنَا نَجَّيْنَا هُوْدًا وَّالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّاۚ وَنَجَّيْنٰهُمْ مِّنْ عَذَابٍ غَلِيْظٍ ( هود: ٥٨ )
And when
وَلَمَّا
और जब
came
جَآءَ
आ गया
Our command
أَمْرُنَا
फ़ैसला हमारा
We saved
نَجَّيْنَا
निजात दी हमने
Hud
هُودًا
हूद को
and those who
وَٱلَّذِينَ
और उनको जो
believed
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
with him
مَعَهُۥ
साथ उसके
by a Mercy
بِرَحْمَةٍ
साथ रहमत के
from Us
مِّنَّا
हमारी तरफ़ से
and We saved them
وَنَجَّيْنَٰهُم
और निजात दी हमने उन्हें
from
مِّنْ
अज़ाब से
a punishment
عَذَابٍ
अज़ाब से
severe
غَلِيظٍ
सख़्त
Walamma jaa amruna najjayna hoodan waallatheena amanoo ma'ahu birahmatin minna wanajjaynahum min 'athabin ghaleethin (Hūd 11:58)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जब हमारा आदेश आ पहुँचा तो हमने हूद और उसके साथ के ईमान लानेवालों को अपनी दयालुता से बचा लिया। और एक कठोर यातना से हमने उन्हें छुटकारा दिया
English Sahih:
And when Our command came, We saved Hud and those who believed with him, by mercy from Us; and We saved them from a harsh punishment. ([11] Hud : 58)