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وَيٰقَوْمِ اسْتَغْفِرُوْا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوْبُوْٓا اِلَيْهِ يُرْسِلِ السَّمَاۤءَ عَلَيْكُمْ مِّدْرَارًا وَّيَزِدْكُمْ قُوَّةً اِلٰى قُوَّتِكُمْ وَلَا تَتَوَلَّوْا مُجْرِمِيْنَ  ( هود: ٥٢ )

And O my people!
وَيَٰقَوْمِ
और ऐ मेरी क़ौम
Ask forgiveness
ٱسْتَغْفِرُوا۟
बख़्शिश माँगो
(of) your Lord
رَبَّكُمْ
अपने रब से
then
ثُمَّ
फिर
turn in repentance
تُوبُوٓا۟
तौबा करो
to Him
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
He will send
يُرْسِلِ
वो भेजेगा
(from) the sky (rain)
ٱلسَّمَآءَ
आसमान को
upon you
عَلَيْكُم
तुम पर
(in) abundance
مِّدْرَارًا
बहुत बरसने वाला
and increase you
وَيَزِدْكُمْ
और वो ज़्यादा देगा तुम्हें
(in) strength
قُوَّةً
क़ुव्वत
(added) to
إِلَىٰ
तरफ़
your strength
قُوَّتِكُمْ
तुम्हारी क़ुव्वत के
And (do) not
وَلَا
और ना
turn away
تَتَوَلَّوْا۟
तुम मुँह फेरो
(as) criminals"
مُجْرِمِينَ
मुजरिम बनकर

Waya qawmi istaghfiroo rabbakum thumma tooboo ilayhi yursili alssamaa 'alaykum midraran wayazidkum quwwatan ila quwwatikum wala tatawallaw mujrimeena (Hūd 11:52)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ मेरी क़ौम के लोगो! अपने रब से क्षमा याचना करो, फिर उसकी ओर पलट आओ। वह तुमपर आकाश को ख़ूब बरसता छोड़ेगा और तुममें शक्ति पर शक्ति की अभिवृद्धि करेगा। तुम अपराधी बनकर मुँह न फेरो।'

English Sahih:

And O my people, ask forgiveness of your Lord and then repent to Him. He will send [rain from] the sky upon you in showers and increase you in strength [added] to your strength. And do not turn away, [being] criminals." ([11] Hud : 52)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ऐ मेरी क़ौम अपने परवरदिगार से मग़फिरत की दुआ मॉगों फिर उसकी बारगाह में अपने (गुनाहों से) तौबा करो तो वह तुम पर मूसलाधार मेह आसमान से बरसाएगा ख़ुश्क साली न होगी और तुम्हारी क़ूवत (ताक़त) में और क़ूवत बढ़ा देगा और मुजरिम बन कर उससे मुँह न मोड़ों