يٰقَوْمِ لَآ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَيْهِ اَجْرًا ۗاِنْ اَجْرِيَ اِلَّا عَلَى الَّذِيْ فَطَرَنِيْ ۗ اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ( هود: ٥١ )
O my people!
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
Not
لَآ
नहीं
I ask you
أَسْـَٔلُكُمْ
मैं सवाल करता तुमसे
for it
عَلَيْهِ
इस पर
any reward
أَجْرًاۖ
किसी अजर का
Not
إِنْ
नहीं
(is) my reward
أَجْرِىَ
अजर मेरा
except
إِلَّا
मगर
from
عَلَى
उस पर
the One Who
ٱلَّذِى
जिसने
created me
فَطَرَنِىٓۚ
पैदा किया मुझे
Then will not
أَفَلَا
क्या फिर नहीं
you use reason?
تَعْقِلُونَ
तुम अक़्ल से काम लेते
Ya qawmi la asalukum 'alayhi ajran in ajriya illa 'ala allathee fataranee afala ta'qiloona (Hūd 11:51)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मैं इसपर तुमसे कोई पारिश्रमिक नहीं माँगता। मेरा पारिश्रमिक तो बस उसके ज़िम्मे है जिसने मुझे पैदा किया। फिर क्या तुम बुद्धि से काम नहीं लेते?
English Sahih:
O my people, I do not ask you for it [i.e., my advice] any reward. My reward is only from the one who created me. Then will you not reason? ([11] Hud : 51)