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قَالَ رَبِّ اِنِّيْٓ اَعُوْذُ بِكَ اَنْ اَسْـَٔلَكَ مَا لَيْسَ لِيْ بِهٖ عِلْمٌ ۗوَاِلَّا تَغْفِرْ لِيْ وَتَرْحَمْنِيْٓ اَكُنْ مِّنَ الْخٰسِرِيْنَ  ( هود: ٤٧ )

He said
قَالَ
उसने कहा
"O my Lord!
رَبِّ
ऐ मेरे रब
Indeed I
إِنِّىٓ
बेशक मैं
seek refuge
أَعُوذُ
मैं पनाह लेता हूँ तेरी
in You
بِكَ
मैं पनाह लेता हूँ तेरी
that
أَنْ
कि
I (should) ask You
أَسْـَٔلَكَ
मैं सवाल करूँ तुझसे
what
مَا
उसका जो
not
لَيْسَ
नहीं
I have
لِى
मुझे
of it
بِهِۦ
उसका
knowledge
عِلْمٌۖ
कोई इल्म
And unless
وَإِلَّا
और अगर ना
You forgive
تَغْفِرْ
तूने बख़्शा मुझे
me
لِى
तूने बख़्शा मुझे
and You have mercy on me
وَتَرْحَمْنِىٓ
और (ना) तूने रहम किया मुझ पर
I will be
أَكُن
मैं हो जाऊँगा
among
مِّنَ
ख़सारा पाने वालों में से
the losers"
ٱلْخَٰسِرِينَ
ख़सारा पाने वालों में से

Qala rabbi innee a'oothu bika an asalaka ma laysa lee bihi 'ilmun wailla taghfir lee watarhamnee akun mina alkhasireena (Hūd 11:47)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'मेरे रब! मैं इससे तेरी पनाह माँगता हूँ कि तुझसे उस चीज़ का सवाल करूँ जिसका मुझे कोई ज्ञान न हो। अब यदि तूने मुझे क्षमा न किया और मुझपर दया न की, तो मैं घाटे में पड़कर रहूँगा।'

English Sahih:

[Noah] said, "My Lord, I seek refuge in You from asking that of which I have no knowledge. And unless You forgive me and have mercy upon me, I will be among the losers." ([11] Hud : 47)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर तु मुझे (मेरे कसूर न बख्श देगा और मुझ पर रहम न खाएगा तो मैं सख्त घाटा उठाने वालों में हो जाऊँगा (जब तूफान जाता रहा तो) हुक्म दिया गया ऐ नूह हमारी तरफ से सलामती और उन बरकतों के साथ कश्ती से उतरो