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وَقِيْلَ يٰٓاَرْضُ ابْلَعِيْ مَاۤءَكِ وَيَا سَمَاۤءُ اَقْلِعِيْ وَغِيْضَ الْمَاۤءُ وَقُضِيَ الْاَمْرُ وَاسْتَوَتْ عَلَى الْجُوْدِيِّ وَقِيْلَ بُعْدًا لِّلْقَوْمِ الظّٰلِمِيْنَ  ( هود: ٤٤ )

And it was said
وَقِيلَ
और कह दिया गया
"O earth!
يَٰٓأَرْضُ
ऐ ज़मीन
Swallow
ٱبْلَعِى
निगल जा
your water
مَآءَكِ
पानी अपना
and O sky!
وَيَٰسَمَآءُ
और ऐ आसमान
Withhold"
أَقْلِعِى
थम जा
And subsided
وَغِيضَ
और ख़ुश्क कर दिया गया
the water
ٱلْمَآءُ
पानी
and was fulfilled
وَقُضِىَ
और फ़ैसला कर दिया गया
the Command
ٱلْأَمْرُ
मामले का
And it rested
وَٱسْتَوَتْ
और जा ठहरी (कश्ती)
on
عَلَى
जूदी पर
the Judi
ٱلْجُودِىِّۖ
जूदी पर
And it was said
وَقِيلَ
और कह दिया गया
"Away
بُعْدًا
दूरी है
with the people
لِّلْقَوْمِ
उन लोगों के लिए
the wrongdoers"
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Waqeela ya ardu ibla'ee maaki waya samao aqli'ee wagheeda almao waqudiya alamru waistawat 'ala aljoodiyyi waqeela bu'dan lilqawmi alththalimeena (Hūd 11:44)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और कहा गया, 'ऐ धरती! अपना पानी निगल जा और ऐ आकाश! तू थम जा।' अतएव पानी तह में बैठ गया और फ़ैसला चुका दिया गया और वह (नाव) जूदी पर्वत पर टिक गई औऱ कह दिया गया, 'फिटकार हो अत्याचारी लोगों पर!'

English Sahih:

And it was said, "O earth, swallow your water, and O sky, withhold [your rain]." And the water subsided, and the matter was accomplished, and it [i.e., the ship] came to rest on the [mountain of] J´diyy. And it was said, "Away with the wrongdoing people." ([11] Hud : 44)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ग़ैब ख़ुदा की तरफ से) हुक्म दिया गया कि ऐ ज़मीन अपना पानी जज्ब (शोख) करे और ऐ आसमान (बरसने से) थम जा और पानी घट गया और (लोगों का) काम तमाम कर दिया गया और कश्ती जो वही (पहाड़) पर जा ठहरी और (चारो तरफ) पुकार दिया गया कि ज़ालिम लोगों को (ख़ुदा की रहमत से) दूरी हो