Skip to main content

حَتّٰىٓ اِذَا جَاۤءَ اَمْرُنَا وَفَارَ التَّنُّوْرُۙ قُلْنَا احْمِلْ فِيْهَا مِنْ كُلٍّ زَوْجَيْنِ اثْنَيْنِ وَاَهْلَكَ اِلَّا مَنْ سَبَقَ عَلَيْهِ الْقَوْلُ وَمَنْ اٰمَنَ ۗوَمَآ اٰمَنَ مَعَهٗٓ اِلَّا قَلِيْلٌ  ( هود: ٤٠ )

Till
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
when
إِذَا
जब
came
جَآءَ
आ गया
Our command
أَمْرُنَا
हुक्म हमारा
and overflowed
وَفَارَ
और जोश मारा
the oven
ٱلتَّنُّورُ
तन्नूर ने
We said
قُلْنَا
कहा हमने
"Load
ٱحْمِلْ
सवार कर ले
in it
فِيهَا
इसमें
of
مِن
हर (क़िस्म) से
every kind
كُلٍّ
हर (क़िस्म) से
a pair
زَوْجَيْنِ
जोड़े
two
ٱثْنَيْنِ
दो (नर,मादा)
and your family
وَأَهْلَكَ
और अपने घर वालों को
except
إِلَّا
सिवाय
who
مَن
उसके जो
has preceded
سَبَقَ
गुज़र चुकी
against him
عَلَيْهِ
उस पर
the word
ٱلْقَوْلُ
बात
and whoever
وَمَنْ
और उनको जो
believed"
ءَامَنَۚ
ईमान लाए
And not
وَمَآ
और नहीं
believed
ءَامَنَ
ईमान लाए
with him
مَعَهُۥٓ
साथ उसके
except
إِلَّا
मगर
a few
قَلِيلٌ
बहुत थोड़े

Hatta itha jaa amruna wafara alttannooru qulna ihmil feeha min kullin zawjayni ithnayni waahlaka illa man sabaqa 'alayhi alqawlu waman amana wama amana ma'ahu illa qaleelun (Hūd 11:40)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यहाँ तक कि जब हमारा आदेश आ गया और तंदूर उबल पड़ा तो हमने कहा, 'हर जाति में से दो-दो के जोड़े चढ़ा लो और अपने घरवालों को भी - सिवाय ऐसे व्यक्ति के जिसके बारे में बात तय पा चुकी है - और जो ईमान लाया हो उसे भी।' किन्तु उसके साथ जो ईमान लाए थे वे थोड़े ही थे

English Sahih:

[So it was], until when Our command came and the oven overflowed, We said, "Load upon it [i.e., the ship] of each [creature] two mates and your family, except those about whom the word [i.e., decree] has preceded, and [include] whoever has believed." But none had believed with him, except a few. ([11] Hud : 40)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

यहाँ तक कि जब हमारा हुक्म (अज़ाब) आ पहुँचा और तन्नूर से जोश मारने लगा तो हमने हुक्म दिया (ऐ नूह) हर किस्म के जानदारों में से (नर मादा का) जोड़ा (यानि) दो दो ले लो और जिस (की) हलाकत (तबाही) का हुक्म पहले ही हो चुका हो उसके सिवा अपने सब घर वाले और जो लोग ईमान ला चुके उन सबको कश्ती (नाँव) में बैठा लो और उनके साथ ईमान भी थोड़े ही लोग लाए थे