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وَاُوْحِيَ اِلٰى نُوْحٍ اَنَّهٗ لَنْ يُّؤْمِنَ مِنْ قَوْمِكَ اِلَّا مَنْ قَدْ اٰمَنَ فَلَا تَبْتَىِٕسْ بِمَا كَانُوْا يَفْعَلُوْنَۖ   ( هود: ٣٦ )

And it was revealed
وَأُوحِىَ
और वही की गई
to
إِلَىٰ
तरफ़ नूह के
Nuh
نُوحٍ
तरफ़ नूह के
"That
أَنَّهُۥ
कि बेशक वो
will never
لَن
हरगिज़ ना
believe
يُؤْمِنَ
ईमान लाएगा
from
مِن
तेरी क़ौम में से
your people
قَوْمِكَ
तेरी क़ौम में से
except
إِلَّا
सिवाय
(those) who
مَن
उसके जो
have already
قَدْ
तहक़ीक़
believed
ءَامَنَ
ईमान ला चुका
So (do) not
فَلَا
तो ना
(be) distressed
تَبْتَئِسْ
तू ग़म कर
by what
بِمَا
बवजह उसके जो
they have been
كَانُوا۟
हैं वो
doing
يَفْعَلُونَ
वो करते

Waoohiya ila noohin annahu lan yumina min qawmika illa man qad amana fala tabtais bima kanoo yaf'aloona (Hūd 11:36)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

नूह की ओर प्रकाशना की गई कि 'जो लोग ईमान ला चुके है, उनके सिवा अब तुम्हारी क़ौम में कोई ईमान लानेवाला नहीं। अतः जो कुछ वे कर रहे है उसपर तुम दुखी न हो

English Sahih:

And it was revealed to Noah that, "No one will believe from your people except those who have already believed, so do not be distressed by what they have been doing. ([11] Hud : 36)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और नूह के पास ये 'वही' भेज दी गई कि जो ईमान ला चुका उनके सिवा अब कोई शख़्श तुम्हारी क़ौम से हरगिज़ ईमान न लाएगा तो तुम ख्वाहमा ख्वाह उनकी कारस्तानियों का (कुछ) ग़म न खाओ