وَيٰقَوْمِ مَنْ يَّنْصُرُنِيْ مِنَ اللّٰهِ اِنْ طَرَدْتُّهُمْ ۗ اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ( هود: ٣٠ )
And O my people!
وَيَٰقَوْمِ
और ऐ मेरी क़ौम
Who
مَن
कौन
would help me
يَنصُرُنِى
मदद करेगा मेरी
against
مِنَ
अल्लाह से (बचाने में)
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह से (बचाने में)
if
إِن
अगर
I drove them away
طَرَدتُّهُمْۚ
दूर कर दिया मैंने उन्हें
Then will not
أَفَلَا
क्या भला नहीं
you take heed?
تَذَكَّرُونَ
तुम नसीहत पकड़ते
Waya qawmi man yansurunee mina Allahi in taradtuhum afala tathakkaroona (Hūd 11:30)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और ऐ मेरी क़ौम के लोगो! यदि मैं उन्हें धुत्कार दूँ तो अल्लाह के मुक़ाबले में कौन मेरी सहायता कर सकता है? फिर क्या तुम होश से काम नहीं लेते?
English Sahih:
And O my people, who would protect me from Allah if I drove them away? Then will you not be reminded? ([11] Hud : 30)