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وَّاَنِ اسْتَغْفِرُوْا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوْبُوْٓا اِلَيْهِ يُمَتِّعْكُمْ مَّتَاعًا حَسَنًا اِلٰٓى اَجَلٍ مُّسَمًّى وَّيُؤْتِ كُلَّ ذِيْ فَضْلٍ فَضْلَهٗ ۗوَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنِّيْٓ اَخَافُ عَلَيْكُمْ عَذَابَ يَوْمٍ كَبِيْرٍ  ( هود: ٣ )

And that
وَأَنِ
और ये कि
"Seek forgiveness
ٱسْتَغْفِرُوا۟
तुम बख़्शिश माँगो
(of) your Lord
رَبَّكُمْ
अपने रब से
and
ثُمَّ
फिर
turn in repentance
تُوبُوٓا۟
तुम तौबा करो
to Him
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
He will let you
يُمَتِّعْكُم
वो फ़ायदा देगा तुम्हें
enjoy
مَّتَٰعًا
फ़ायदा
a good
حَسَنًا
अच्छा
for
إِلَىٰٓ
एक मुद्दत तक
a term
أَجَلٍ
एक मुद्दत तक
appointed
مُّسَمًّى
मुक़र्रर
And give
وَيُؤْتِ
और वो देगा
(to) every
كُلَّ
हर
owner
ذِى
साहिबे फ़ज़ल को
(of) grace
فَضْلٍ
साहिबे फ़ज़ल को
His Grace
فَضْلَهُۥۖ
फ़ज़ल उसका
But if
وَإِن
और अगर
you turn away
تَوَلَّوْا۟
तुम मुँह फेरोगे
then indeed, I
فَإِنِّىٓ
तो बेशक मैं
fear
أَخَافُ
मैं डरता हूँ
for you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
(the) punishment
عَذَابَ
अज़ाब से
(of) a Great Day
يَوْمٍ
बड़े दिन के
(of) a Great Day
كَبِيرٍ
बड़े दिन के

Waani istaghfiroo rabbakum thumma tooboo ilayhi yumatti'kum mata'an hasanan ila ajalin musamman wayuti kulla thee fadlin fadlahu wain tawallaw fainee akhafu 'alaykum 'athaba yawmin kabeerin (Hūd 11:3)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और यह कि 'अपने रब से क्षमा माँगो, फिर उसकी ओर पलट आओ। वह तुम्हें एक निश्चित अवधि तक सुखोपभोग की उत्तम सामग्री प्रदान करेगा। और बढ़-बढ़कर कर्म करनेवालों पर वह तदधिक अपना अनुग्रह करेगा, किन्तु यदि तुम मुँह फेरते हो तो निश्चय ही मुझे तुम्हारे विषय में एक बड़े दिन की यातना का भय है

English Sahih:

And [saying], "Seek forgiveness of your Lord and repent to Him, [and] He will let you enjoy a good provision for a specified term and give every doer of favor his favor [i.e., reward]. But if you turn away, then indeed, I fear for you the punishment of a great Day. ([11] Hud : 3)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ये भी कि अपने परवरदिगार से मग़फिरत की दुआ मॉगों फिर उसकी बारगाह में (गुनाहों से) तौबा करो वही तुम्हें एक मुकर्रर मुद्दत तक अच्छे नुत्फ के फायदे उठाने देगा और वही हर साहबे बुर्ज़गी को उसकी बुर्जुगी (की दाद) अता फरमाएगा और अगर तुमने (उसके हुक्म से) मुँह मोड़ा तो मुझे तुम्हारे बारे में एक बड़े (ख़ौफनाक) दिन के अज़ाब का डर है