اَمْ يَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ۗقُلْ فَأْتُوْا بِعَشْرِ سُوَرٍ مِّثْلِهٖ مُفْتَرَيٰتٍ وَّادْعُوْا مَنِ اسْتَطَعْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِيْنَ ( هود: ١٣ )
Am yaqooloona iftarahu qul fatoo bi'ashri suwarin mithlihi muftarayatin waod'oo mani istata'tum min dooni Allahi in kuntum sadiqeena (Hūd 11:13)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
(उन्हें कोई शंका है) या वे कहते है कि 'उसने इसे स्वयं घड़ लिया है?' कह दो, 'अच्छा, यदि तुम सच्चे हो तो इस जैसी घड़ी हुई दस सूरतें ले आओ और अल्लाह से हटकर जिस किसी को बुला सकते हो बुला लो।'
English Sahih:
Or do they say, "He invented it"? Say, "Then bring ten Surahs like it that have been invented and call upon [for assistance] whomever you can besides Allah, if you should be truthful." ([11] Hud : 13)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तुम्हें उनका ख्याल न करना चाहिए और ख़ुदा हर चीज़ का ज़िम्मेदार है क्या ये लोग कहते हैं कि उस शख़्श (तुम) ने इस (क़ुरान) को अपनी तरफ से गढ़ लिया है तो तुम (उनसे साफ साफ) कह दो कि अगर तुम (अपने दावे में) सच्चे हो तो (ज्यादा नहीं) ऐसे दस सूरे अपनी तरफ से गढ़ के ले आओं