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فَلَوْلَا كَانَ مِنَ الْقُرُوْنِ مِنْ قَبْلِكُمْ اُولُوْا بَقِيَّةٍ يَّنْهَوْنَ عَنِ الْفَسَادِ فِى الْاَرْضِ اِلَّا قَلِيْلًا مِّمَّنْ اَنْجَيْنَا مِنْهُمْ ۚوَاتَّبَعَ الَّذِيْنَ ظَلَمُوْا مَآ اُتْرِفُوْا فِيْهِ وَكَانُوْا مُجْرِمِيْنَ  ( هود: ١١٦ )

So why not
فَلَوْلَا
फिर क्यों ना
had been
كَانَ
हुए
of
مِنَ
उन उम्मतों में से
the generations
ٱلْقُرُونِ
उन उम्मतों में से
before you
مِن
जो तुमसे पहले थीं
before you
قَبْلِكُمْ
जो तुमसे पहले थीं
those possessing a remnant
أُو۟لُوا۟
अन्जाम पर नज़र रखने वाले
those possessing a remnant
بَقِيَّةٍ
अन्जाम पर नज़र रखने वाले
forbidding
يَنْهَوْنَ
जो रोकते
from
عَنِ
फ़साद से
the corruption
ٱلْفَسَادِ
फ़साद से
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
except
إِلَّا
मगर
a few
قَلِيلًا
बहुत थोड़े
of those
مِّمَّنْ
उनमें से
We saved
أَنجَيْنَا
निजात दी हमने
among them?
مِنْهُمْۗ
उनमें से
But followed
وَٱتَّبَعَ
और पीछे लगे
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
did wrong
ظَلَمُوا۟
ज़ुल्म किया
what
مَآ
उसके जो
luxury they were given
أُتْرِفُوا۟
वो ऐश व आराम दिए गए थे
therein
فِيهِ
जिस में
and they were
وَكَانُوا۟
और थे वो
criminals
مُجْرِمِينَ
मुजरिम

Falawla kana mina alqurooni min qablikum oloo baqiyyatin yanhawna 'ani alfasadi fee alardi illa qaleelan mimman anjayna minhum waittaba'a allatheena thalamoo ma otrifoo feehi wakanoo mujrimeena (Hūd 11:116)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर तुमसे पहले जो नस्लें गुज़र चुकी है उनमें ऐसे भले-समझदार क्यों न हुए जो धरती में बिगाड़ से रोकते, उन थोड़े-से लोगों के सिवा जिनको उनमें से हमने बचा लिया। अत्याचारी लोग तो उसी सुख-सामग्री के पीछे पड़े रहे, जिसमें वे रखे गए थे। वे तो थे ही अपराधी

English Sahih:

So why were there not among the generations before you those of enduring discrimination forbidding corruption on earth – except a few of those We saved from among them? But those who wronged pursued what luxury they were given therein, and they were criminals. ([11] Hud : 116)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर जो लोग तुमसे पहले गुज़र चुके हैं उनमें कुछ लोग ऐसे अक़ल वाले क्यों न हुए जो (लोगों को) रुए ज़मीन पर फसाद फैलाने से रोका करते (ऐसे लोग थे तो) मगर बहुत थोड़े से और ये उन्हीं लोगों से थे जिनको हमने अज़ाब से बचा लिया और जिन लोगों ने नाफरमानी की थी वह उन्हीं (लज्ज़तों) के पीछे पड़े रहे और जो उन्हें दी गई थी और ये लोग मुजरिम थे ही