لِإِيلَٰفِ
मानूस करने के लिए
قُرَيْشٍ
क़ुरैश को
Lieelafi qurayshin
कितना है क़ुरैश को लगाए और परचाए रखना,
إِۦلَٰفِهِمْ
मानूस करना उन्हें
رِحْلَةَ
सफ़र से
ٱلشِّتَآءِ
सर्दी के
وَٱلصَّيْفِ
और गर्मा के
Eelafihim rihlata alshshitai waalssayfi
लगाए और परचाए रखना उन्हें जाड़े और गर्मी की यात्रा से
فَلْيَعْبُدُوا۟
पस चाहिए कि वो इबादत करें
رَبَّ
रब की
هَٰذَا
उस
ٱلْبَيْتِ
घर के
Falya'budoo rabba hatha albayti
अतः उन्हें चाहिए कि इस घर (काबा) के रब की बन्दगी करे,
ٱلَّذِىٓ
जिसने
أَطْعَمَهُم
खिलाया उन्हें
مِّن
भूख में
جُوعٍ
भूख में
وَءَامَنَهُم
और उसने अमन दिया उन्हें
مِّنْ
ख़ौफ़ से
خَوْفٍۭ
ख़ौफ़ से
Allathee at'amahum min joo'in waamanahum min khawfin
जिसने उन्हें खिलाकर भूख से बचाया और निश्चिन्तता प्रदान करके भय से बचाया
القرآن الكريم: | قريش |
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आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Quraisy |
सूरा: | 106 |
कुल आयत: | 4 |
कुल शब्द: | 17 |
कुल वर्ण: | 73 |
रुकु: | 1 |
वर्गीकरण: | मक्कन सूरा |
Revelation Order: | 29 |
से शुरू आयत: | 6193 |