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وَلَوْ شَاۤءَ رَبُّكَ لَاٰمَنَ مَنْ فِى الْاَرْضِ كُلُّهُمْ جَمِيْعًاۗ اَفَاَنْتَ تُكْرِهُ النَّاسَ حَتّٰى يَكُوْنُوْا مُؤْمِنِيْنَ   ( يونس: ٩٩ )

And if
وَلَوْ
और अगर
(had) willed
شَآءَ
चाहता
your Lord
رَبُّكَ
रब आपका
surely (would) have believed
لَءَامَنَ
अलबत्ता ईमान ले आते
who
مَن
जो
(are) in
فِى
ज़मीन में हैं
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में हैं
all of them
كُلُّهُمْ
सबके सब
together
جَمِيعًاۚ
इकट्ठे
Then will you
أَفَأَنتَ
क्या भला आप
compel
تُكْرِهُ
मजबूर करेंगे
the mankind
ٱلنَّاسَ
लोगों को
until
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
they become
يَكُونُوا۟
वो हो जाऐं
believers?
مُؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले

Walaw shaa rabbuka laamana man fee alardi kulluhum jamee'an afaanta tukrihu alnnasa hatta yakoonoo mumineena (al-Yūnus 10:99)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यदि तुम्हारा रब चाहता तो धरती में जितने लोग है वे सब के सब ईमान ले आते, फिर क्या तुम लोगों को विवश करोगे कि वे मोमिन हो जाएँ?

English Sahih:

And had your Lord willed, those on earth would have believed – all of them entirely. Then, [O Muhammad], would you compel the people in order that they become believers? ([10] Yunus : 99)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ऐ पैग़म्बर) अगर तेरा परवरदिगार चाहता तो जितने लोग रुए ज़मीन पर हैं सबके सब ईमान ले आते तो क्या तुम लोगों पर ज़बरदस्ती करना चाहते हो ताकि सबके सब ईमानदार हो जाएँ हालॉकि किसी शख़्स को ये एख्तेयार नहीं