اِنَّ فِى اخْتِلَافِ الَّيْلِ وَالنَّهَارِ وَمَا خَلَقَ اللّٰهُ فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ لَاٰيٰتٍ لِّقَوْمٍ يَّتَّقُوْنَ ( يونس: ٦ )
Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
इख़्तिलाफ़ में
(the) alternation
ٱخْتِلَٰفِ
इख़्तिलाफ़ में
(of) the night
ٱلَّيْلِ
रात
and the day
وَٱلنَّهَارِ
और दिन के
and what
وَمَا
और जो
(has been) created
خَلَقَ
पैदा किया
(by) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
in
فِى
आसमानों में
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
and the earth
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन में
(are) Signs
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who are God conscious
يَتَّقُونَ
जो डरते हैं
Inna fee ikhtilafi allayli waalnnahari wama khalaqa Allahu fee alssamawati waalardi laayatin liqawmin yattaqoona (al-Yūnus 10:6)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
निस्संदेह रात और दिन के उलट-फेर में और जो कुछ अल्लाह ने आकाशों और धरती में पैदा किया उसमें डर रखनेवाले लोगों के लिए निशानियाँ है
English Sahih:
Indeed, in the alternation of the night and the day and [in] what Allah has created in the heavens and the earth are signs for a people who fear Allah. ([10] Yunus : 6)