وَيَسْتَنْۢبِـُٔوْنَكَ اَحَقٌّ هُوَ ۗ قُلْ اِيْ وَرَبِّيْٓ اِنَّهٗ لَحَقٌّ ۗوَمَآ اَنْتُمْ بِمُعْجِزِيْنَ ࣖ ( يونس: ٥٣ )
And they ask you to inform
وَيَسْتَنۢبِـُٔونَكَ
और वो पूछते हैं आपसे
"Is it true?"
أَحَقٌّ
क्या सच है
"Is it true?"
هُوَۖ
वो
Say
قُلْ
कह दीजिए
"Yes
إِى
हाँ
by my Lord!
وَرَبِّىٓ
क़सम है मेरे रब की
Indeed, it
إِنَّهُۥ
बेशक वो
(is) surely the truth
لَحَقٌّۖ
यक़ीनन हक़ है
and not
وَمَآ
और नहीं
you
أَنتُم
तुम
(can) escape (it)"
بِمُعْجِزِينَ
आजिज़ करने वाले
Wayastanbioonaka ahaqqun huwa qul ee warabbee innahu lahaqqun wama antum bimu'jizeena (al-Yūnus 10:53)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे तुम से चाहते है कि उन्हें ख़बर दो कि 'क्या वह वास्तव में सत्य है?' कह दो, 'हाँ, मेरे रब की क़सम! वह बिल्कुल सत्य है और तुम क़ाबू से बाहर निकल जानेवाले नहीं हो।'
English Sahih:
And they ask information of you, [O Muhammad], "Is it true?" Say, "Yes, by my Lord. Indeed, it is truth; and you will not cause failure [to Allah]." ([10] Yunus : 53)