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ثُمَّ قِيْلَ لِلَّذِيْنَ ظَلَمُوْا ذُوْقُوْا عَذَابَ الْخُلْدِۚ هَلْ تُجْزَوْنَ اِلَّا بِمَا كُنْتُمْ تَكْسِبُوْنَ   ( يونس: ٥٢ )

Then
ثُمَّ
फिर
it will be said
قِيلَ
कहा जाएगा
to those who
لِلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
wronged
ظَلَمُوا۟
ज़ुल्म किया
"Taste
ذُوقُوا۟
चखो
punishment
عَذَابَ
अज़ाब
the everlasting
ٱلْخُلْدِ
हमेशगी का
Are you (being) recompensed
هَلْ
नहीं
Are you (being) recompensed
تُجْزَوْنَ
तुम बदला दिए जा रहे
except
إِلَّا
मगर
for what
بِمَا
उसका जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
earn?"
تَكْسِبُونَ
तुम कमाई करते

Thumma qeela lillatheena thalamoo thooqoo 'athaba alkhuldi hal tujzawna illa bima kuntum taksiboona (al-Yūnus 10:52)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'फिर अत्याचारी लोगों से कहा जाएगा, 'स्थायी यातना का मज़ा चख़ो! जो कुछ तुम कमाते रहे हो, उसके सिवा तुम्हें और क्या बदला दिया जा सकता है?'

English Sahih:

Then it will be said to those who had wronged, "Taste the punishment of eternity; are you being recompensed except for what you used to earn?" ([10] Yunus : 52)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर (क़यामत के दिन) ज़ालिम लोगों से कहा जाएगा कि (अब हमेशा के अज़ाब के मजे चखो (दुनिया में) जैसी तुम्हारी करतूतें तुम्हें (आख़िरत में) वैसा ही बदला दिया जाएगा