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وَاِمَّا نُرِيَنَّكَ بَعْضَ الَّذِيْ نَعِدُهُمْ اَوْ نَتَوَفَّيَنَّكَ فَاِلَيْنَا مَرْجِعُهُمْ ثُمَّ اللّٰهُ شَهِيْدٌ عَلٰى مَا يَفْعَلُوْنَ   ( يونس: ٤٦ )

And whether
وَإِمَّا
और अगर
We show you
نُرِيَنَّكَ
हम दिखाऐं आपको
some
بَعْضَ
बाज़
(of) that which
ٱلَّذِى
वो चीज़ जो
We promised them
نَعِدُهُمْ
हम वादा करते हैं उनसे
or
أَوْ
या
We cause you to die
نَتَوَفَّيَنَّكَ
हम फ़ौत कर दें आपको
then to Us
فَإِلَيْنَا
तो तरफ़ हमारे ही
(is) their return
مَرْجِعُهُمْ
लौटना है उनको
then
ثُمَّ
फिर
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
(is) a Witness
شَهِيدٌ
ख़ूब गवाह है
over
عَلَىٰ
उस पर
what
مَا
जो
they do
يَفْعَلُونَ
वो करते हैं

Waimma nuriyannaka ba'da allathee na'iduhum aw natawaffayannaka failayna marji'uhum thumma Allahu shaheedun 'ala ma yaf'aloona (al-Yūnus 10:46)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिस चीज़ का हम उनसे वादा करते है उसमें से कुछ चाहे तुझे दिखा दें या हम तुझे (इससे पहले) उठा लें, उन्हें तो हमारी ओर लौटकर आना ही है। फिर जो कुछ वे कर रहे है उसपर अल्लाह गवाह है

English Sahih:

And whether We show you some of what We promise them, [O Muhammad], or We take you in death, to Us is their return; then, [either way], Allah is a witness concerning what they are doing. ([10] Yunus : 46)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ रसूल हम जिस जिस (अज़ाब) का उनसे वायदा कर चुके हैं उनमें से बाज़ ख्वाहा तुम्हें दिखा दें या तुमको (पहले ही दुनिया से) उठा ले फिर (आख़िर) तो उन सबको हमारी तरफ लौटना ही है फिर जो कुछ ये लोग कर रहे हैं ख़ुदा तो उस पर गवाह ही है