وَيَوْمَ يَحْشُرُهُمْ كَاَنْ لَّمْ يَلْبَثُوْٓا اِلَّا سَاعَةً مِّنَ النَّهَارِ يَتَعَارَفُوْنَ بَيْنَهُمْۗ قَدْ خَسِرَ الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِلِقَاۤءِ اللّٰهِ وَمَا كَانُوْا مُهْتَدِيْنَ ( يونس: ٤٥ )
Wayawma yahshuruhum kaan lam yalbathoo illa sa'atan mina alnnahari yata'arafoona baynahum qad khasira allatheena kaththaboo biliqai Allahi wama kanoo muhtadeena (al-Yūnus 10:45)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जिस दिन वह उनको इकट्ठा करेगा तो ऐसा जान पड़ेगा जैसे वे दिन की एक घड़ी भर ठहरे थे। वे परस्पर एक-दूसरे को पहचानेंगे। वे लोग घाटे में पड़ गए, जिन्होंने अल्लाह से मिलने को झुठलाया और वे मार्ग न पा सके
English Sahih:
And on the Day when He will gather them, [it will be] as if they had not remained [in the world] but an hour of the day, [and] they will know each other. Those will have lost who denied the meeting with Allah and were not guided. ([10] Yunus : 45)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिस दिन ख़ुदा इन लोगों को (अपनी बारगाह में) जमा करेगा तो गोया ये लोग (समझेगें कि दुनिया में) बस घड़ी दिन भर ठहरे और आपस में एक दूसरे को पहचानेंगे जिन लोगों ने ख़ुदा की बारगाह में हाज़िर होने को झुठलाया वह ज़रुर घाटे में हैं और हिदायत याफता न थे