بَلْ كَذَّبُوْا بِمَا لَمْ يُحِيْطُوْا بِعِلْمِهٖ وَلَمَّا يَأْتِهِمْ تَأْوِيْلُهٗۗ كَذٰلِكَ كَذَّبَ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَانْظُرْ كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الظّٰلِمِيْنَ ( يونس: ٣٩ )
Bal kaththaboo bima lam yuheetoo bi'ilmihi walamma yatihim taweeluhu kathalika kaththaba allatheena min qablihim faonthur kayfa kana 'aqibatu alththalimeena (al-Yūnus 10:39)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
बल्कि बात यह है कि जिस चीज़ के ज्ञान पर वे हावी न हो सके, उसे उन्होंने झुठला दिया और अभी उसका परिणाम उनके सामने नहीं आया। इसी प्रकार उन लोगों ने भी झुठलाया था, जो इनसे पहले थे। फिर देख लो उन अत्याचारियों का कैसा परिणाम हुआ!
English Sahih:
Rather, they have denied that which they encompass not in knowledge and whose interpretation has not yet come to them. Thus did those before them deny. Then observe how was the end of the wrongdoers. ([10] Yunus : 39)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ये लोग लाते तो क्या) बल्कि (उलटे) जिसके जानने पर उनका हाथ न पहुँचा हो लगे उसको झुठलाने हालॉकि अभी तक उनके जेहन में उसके मायने नहीं आए इसी तरह उन लोगों ने भी झुठलाया था जो उनसे पहले थे-तब ज़रा ग़ौर तो करो कि (उन) ज़ालिमों का क्या (बुरा) अन्जाम हुआ