وَاللّٰهُ يَدْعُوْٓ اِلٰى دَارِ السَّلٰمِ ۚوَيَهْدِيْ مَنْ يَّشَاۤءُ اِلٰى صِرَاطٍ مُّسْتَقِيْمٍ ( يونس: ٢٥ )
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
calls
يَدْعُوٓا۟
वो बुला रहा है
to
إِلَىٰ
तरफ़
(the) Home
دَارِ
सलामती वाले घर के
(of) the Peace
ٱلسَّلَٰمِ
सलामती वाले घर के
and guides
وَيَهْدِى
और वो हिदायत देता है
whom
مَن
जिसे
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
to
إِلَىٰ
तरफ़ रास्ते
(the) straight path
صِرَٰطٍ
तरफ़ रास्ते
(the) straight path
مُّسْتَقِيمٍ
सीधे के
WaAllahu yad'oo ila dari alssalami wayahdee man yashao ila siratin mustaqeemin (al-Yūnus 10:25)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और अल्लाह तुम्हें सलामती के घर की ओर बुलाता है, और जिसे चाहता है सीधी राह चलाता है;
English Sahih:
And Allah invites to the Home of Peace [i.e., Paradise] and guides whom He wills to a straight path. ([10] Yunus : 25)