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وَاِذَآ اَذَقْنَا النَّاسَ رَحْمَةً مِّنْۢ بَعْدِ ضَرَّاۤءَ مَسَّتْهُمْ اِذَا لَهُمْ مَّكْرٌ فِيْٓ اٰيٰتِنَاۗ قُلِ اللّٰهُ اَسْرَعُ مَكْرًاۗ اِنَّ رُسُلَنَا يَكْتُبُوْنَ مَا تَمْكُرُوْنَ   ( يونس: ٢١ )

And when
وَإِذَآ
और जब
We let [the] mankind taste
أَذَقْنَا
मज़ा चखाते हैं हम
We let [the] mankind taste
ٱلنَّاسَ
लोगों को
mercy
رَحْمَةً
रहमत का
after
مِّنۢ
बाद
after
بَعْدِ
बाद
adversity
ضَرَّآءَ
मुसीबत के
has touched them
مَسَّتْهُمْ
जो पहुँची उन्हें
behold!
إِذَا
तब
They have
لَهُم
उनके लिए
a plot
مَّكْرٌ
चालें चलना है
against
فِىٓ
हमारी आयात में
Our Verses
ءَايَاتِنَاۚ
हमारी आयात में
Say
قُلِ
कह दीजिए
"Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
(is) more swift
أَسْرَعُ
ज़्यादा तेज़ है
(in) planning"
مَكْرًاۚ
चाल चलने में
Indeed
إِنَّ
बेशक
Our Messengers
رُسُلَنَا
फ़रिश्ते हमारे
write down
يَكْتُبُونَ
लिख रहे हैं
what
مَا
जो
you plot
تَمْكُرُونَ
तुम चालें चल रहे हो

Waitha athaqna alnnasa rahmatan min ba'di darraa massathum itha lahum makrun fee ayatina quli Allahu asra'u makran inna rusulana yaktuboona ma tamkuroona (al-Yūnus 10:21)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जब हम लोगों को उनके किसी तकलीफ़ में पड़ने के पश्चात दयालुता का रसास्वादन कराते है तो वे हमारी आयतों के विषय में चालबाज़ियाँ करने लग जाते है। कह दो, 'अल्लाह की चाल ज़्यादा तेज़ है।' निस्संदेह, जो चालबाजियाँ तुम कर रहे हो, हमारे भेजे हुए (फ़रिश्ते) उनको लिखते जा रहे है

English Sahih:

And when We give the people a taste of mercy after adversity has touched them, at once they conspire against Our verses. Say, "Allah is swifter in strategy." Indeed, Our messengers [i.e., angels] record that which you conspire. ([10] Yunus : 21)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और लोगों को जो तकलीफ पहुँची उसके बाद जब हमने अपनी रहमत का जाएक़ा चखा दिया तो यकायक उन लोगों से हमारी आयतों में हीले बाज़ी शुरू कर दी (ऐ रसूल) तुम कह दो कि तद्बीर में ख़ुदा सब से ज्यादा तेज़ है तुम जो कुछ मक्कारी करते हो वह हमारे भेजे हुए (फरिश्ते) लिखते जाते हैं