وَيَقُوْلُوْنَ لَوْلَآ اُنْزِلَ عَلَيْهِ اٰيَةٌ مِّنْ رَّبِّهٖۚ فَقُلْ اِنَّمَا الْغَيْبُ لِلّٰهِ فَانْتَظِرُوْاۚ اِنِّيْ مَعَكُمْ مِّنَ الْمُنْتَظِرِيْنَ ࣖ ( يونس: ٢٠ )
And they say
وَيَقُولُونَ
और वो कहते हैं
"Why not
لَوْلَآ
क्यों ना
is sent down
أُنزِلَ
उतारी गई
to him
عَلَيْهِ
उस पर
a Sign
ءَايَةٌ
कोई निशानी
from
مِّن
उसके रब की तरफ़ से
his Lord?"
رَّبِّهِۦۖ
उसके रब की तरफ़ से
So say
فَقُلْ
तो कह दीजिए
"Only
إِنَّمَا
बेशक
the unseen
ٱلْغَيْبُ
ग़ैब
(is) for Allah
لِلَّهِ
अल्लाह ही के लिए है
so wait;
فَٱنتَظِرُوٓا۟
पस तुम इन्तिज़ार करो
indeed I am
إِنِّى
बेशक मैं
with you
مَعَكُم
तुम्हारे साथ
among
مِّنَ
इन्तिज़ार करने वालों में से हूँ
the ones who wait"
ٱلْمُنتَظِرِينَ
इन्तिज़ार करने वालों में से हूँ
Wayaqooloona lawla onzila 'alayhi ayatun min rabbihi faqul innama alghaybu lillahi faintathiroo innee ma'akum mina almuntathireena (al-Yūnus 10:20)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे कहते है, 'उस पर उनके रब की ओर से कोई निशानी क्यों नहीं उतरी?' तो कह दो, 'परोक्ष तो अल्लाह ही से सम्बन्ध रखता है। अच्छा, प्रतीक्षा करो, मैं भी तुम्हारे साथ प्रतीक्षा करता हूँ।'
English Sahih:
And they say, "Why is a sign not sent down to him from his Lord?" So say, "The unseen is only for Allah [to administer], so wait; indeed, I am with you among those who wait." ([10] Yunus : 20)