وَمَا كَانَ النَّاسُ اِلَّآ اُمَّةً وَّاحِدَةً فَاخْتَلَفُوْاۗ وَلَوْلَا كَلِمَةٌ سَبَقَتْ مِنْ رَّبِّكَ لَقُضِيَ بَيْنَهُمْ فِيْمَا فِيْهِ يَخْتَلِفُوْنَ ( يونس: ١٩ )
And not
وَمَا
और ना
was
كَانَ
थे
the mankind
ٱلنَّاسُ
लोग
but
إِلَّآ
मगर
a community
أُمَّةً
उम्मत
one
وَٰحِدَةً
एक ही
then they differed
فَٱخْتَلَفُوا۟ۚ
फिर उन्होंने इख़्तिलाफ़ किया
And had (it) not been
وَلَوْلَا
और अगर ना होती
a word
كَلِمَةٌ
एक बात
(that) preceded
سَبَقَتْ
जो तय हो चुकी
from
مِن
आपके रब की तरफ़ से
your Lord
رَّبِّكَ
आपके रब की तरफ़ से
surely, it (would) have been judged
لَقُضِىَ
अलबत्ता फ़ैसला कर दिया जाता
between them
بَيْنَهُمْ
दर्मियान उनके
concerning what
فِيمَا
इस मामले में
[therein]
فِيهِ
जिस में
they differ
يَخْتَلِفُونَ
वो इख़्तिलाफ़ कर रहे थे
Wama kana alnnasu illa ommatan wahidatan faikhtalafoo walawla kalimatun sabaqat min rabbika laqudiya baynahum feema feehi yakhtalifoona (al-Yūnus 10:19)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
सारे मनुष्य एक ही समुदाय थे। वे तो स्वयं अलग-अलग हो रहे। और यदि तेरे रब की ओर से पहले ही एक बात निश्चित न हो गई होती, तो उनके बीच का फ़ैसला कर दिया जाता जिसमें वे मतभेद कर रहे हैं
English Sahih:
And mankind was not but one community [united in religion], but [then] they differed. And if not for a word that preceded from your Lord, it would have been judged between them [immediately] concerning that over which they differ. ([10] Yunus : 19)