اِيَّاكَ نَعْبُدُ وَاِيَّاكَ نَسْتَعِيْنُۗ ( الفاتحة: ٥ )
You Alone
إِيَّاكَ
सिर्फ़ तेरी ही
we worship
نَعْبُدُ
हम इबादत करते हैं
and You Alone
وَإِيَّاكَ
और सिर्फ़ तेरी ही
we ask for help
نَسْتَعِينُ
हम मदद चाहते हैं
Iyyaka na'budu waiyyaka nasta'eenu (al-Fātiḥah 1:5)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हम तेरी बन्दगी करते हैं और तुझी से मदद माँगते हैं
English Sahih:
It is You we worship and You we ask for help. ([1] Al-Fatihah : 5)